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मेरा आई० पी० अच्छी जगह है, विभिन्न जानकारियाँ जैसे परिचारक का नाम (होस्ट नेम), मेरा आई० पी० पता, मेरा इंटरनेट सेवा प्रदाता एवं प्रक्षेत्र नाम परिसेवक (डी० एन० एस०) दिखते हैं । परंतु इसका अर्थ क्या है ? इन प्रश्नों के उत्तरों कुछ अल्पांश आपको निम्नलिखित विषय वस्तु में मिलेंगे ।
सबसे मोटे नीले नोटपैड के जिस पृष्ठ में सबसे ऊपर "मेरा आई० पी० पता" शब्द लिखे गए हैं वहाँ लिखे गए अंक आपका सार्वजनिक आई० पी० पता हैं । अधिकतर यह सार्वजनिक आई० पी० पता इंटरनेट अंतरजाल संजाल पर आपके अनुर्मागक का पता प्रस्तुत करता है । जब सेवाएँ आपसे अपना आई० पी० पता बताने को कहें तो आपको चाहिए कि आप यही अंक बताएँ ।
इस आई० पी० पते व अपने "स्थानीय" आई० पी० में अंतर याद रखें । निस्संदेह आप एक अनुमार्गक (रूटर) के पीछे हैं (जो सम्भवतः सत्य है) यह आपके कंप्यूटर अथवा और किसी टर्मिनल (मोबाइल, टैबलेट इत्यादि) को पहचानने के लिए उन्हें भी एक आई० पी० देता है । और यह ऐसा एक ऐसे डी० एच० सी० पी० सर्वर की मदद से करता है जो इसका हिस्सा है । यह आई० पी० आपके लैन (स्थानीय क्षेत्र तंत्र) पर आपका पता है । आप "मेरा स्थानीय आई० पी०" क्षेत्र में जा कर अपना स्थानीय आई० पी० पता प्राप्त कर सकते हैं । मेरा स्थानीय आई० पी० पता.
अंग्रेज़ी के शब्द आई० पी० का अर्थ है इंटरनेट प्रोटोकॉल (इंटरनेट नियमावली) का उपयोग कर पहचान हेतु दिया गया एक ऐसा अंक है जो एक सूचना विज्ञान के अंतरजाल पर एक टर्मिनल को दिया जाता है । इस आई० पी० की मदद से उपकरण अपना तादात्मय स्थापित कर उसी प्रोटोकॉल से जुड़े अन्य उपकरणों से संपर्क स्थापित कर सकता है ।
२ प्रकार के आई० पी० पते होते हैं । पहले वे जो ३२ बिट का ४ अंकों वाला कूट प्रारूप कहा जाता है और दूसरे वे जिन्हें १२८ बिट का ६ अंकों वाला कूट प्रारूप कहा जाता है । अब बहुत कम वी० ४ आई० पी० उपलब्ध हैं । सैद्धांतिक दृष्टि से देखा जाए तो २ ३२, अथवा ४ २९४ ९६७ २९६, वी० ४ आई० पी० उपलब्ध हैं । दरअसल कम ही हैं क्यों कि कुछ आरक्षित हैं । भले ही यह अंग बड़ा लगता हो परंतु अब तकरीबन कोई भी वी४ आई० पी० पता उपलब्ध नहीं है । अतः वी० ६ आई० पी० धीरे-धीरे इस प्रोटोकॉल का स्थान लेता जा रहा है जिससे उपलब्ध पते लगभग अक्षय हो गए हैं ।
एक आई० पी० पते की व्याख्या के विषय में अधिक जानकारी के लिए आप इन में से कुछ लिंक्स पर जा सकते हैं :
Wikipedia IP,
Wikipedia IPv4,
Wikipedia IpV6
इंटरनेट सेवा प्रदाता एक ऐसी कंपनी है जो आपको इंटरनेट कनेक्शन प्रदान करती है । यह इंटरनेट तक पहुँचने का आपका मार्ग है । बहुत सी तकनीकें मौजूद हैं और आप एक ए०डी०एस०एल० कनैक्शन, समाक्षीय केबल अथवा ऑप्टिकॅल फ़ाइबर से कनैक्शन का लाभ उठा सकते हैं ।
आपका सेवा-प्रदाता स्वतः आपको डी० एन० एस० प्रदान करता है जिसकी पहचान एक आई०पी० पते से होती है । यह सर्वर डोमेन के नाम को एक आई०पी० पते में बदलने वाले एक स्विचन परिपथ का काम करता है । यह एक तरह का स्विचन परिपथ है । इस सर्वर के बिना आप अपने इंटरनेट संचालक (नैवीगेटर) पर वेब-साइट नहीं देख पाएँगे । उदाहरण के तौर पर आप अपने नैवीगेटर पर google.fr टाइप करते है तो आपका कंप्यूटर डी०एन०एस० सर्वर से प्रश्न करता है जो उसे google.fr का पथ दिखाता है सर्वर पर जिसका आई० पी० पता XX.XX.XX.XX है । संपर्क स्थापित हो जाता है और आपके इंटरनेट नैवीगेटर पर आपका पृष्ठ प्रदर्शित होता है ।
इंटरनेट पर आपके आई०पी० पते से जुड़े पूर्ण नाम को परिचारक का नाम कहते हैं । यह अनुपम है और बिल्कुल आपके आई०पी० पते से तादात्मय स्थापित करता है । इसमें एक सबडोमेन होता है जो आपके इंटरनेट सेवा प्रदाता के डोमेन से जुड़ा होता है ।
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